Govt School Closed News 2025 सरकारी स्कूलों को लेकर सरकार की ओर से एक चौंकाने वाला फैसला सामने आया है आपको बता दे की सरकार ने फैसला लेते हुए यह जानकारी बताई है कि लगभग 90% सरकारी स्कूलों को बंद करके उनके हालातो को सुधारा जाएगा सरकारी स्कूलों के हालात इतने बद से बदतर हो चुके हैं कि वहां पर स्टूडेंट पढ़ने के बजाय परेशान ज्यादा होते हैं इस कारण सरकार ने इन 90% स्कूलों को बंद करके उनकी हालत सुधारने पर काम करना शुरू कर दिया है ।
आखिरकार सरकार ने इस प्रकार का फैसला क्यों लिया है और इस फैसले के पीछे क्या राज है इसकी पूरी जानकारी आपको इस आज के आर्टिकल में दी जाएगी आपको बता दे कि इस न्यूज़ को इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और पूरा पड़े ताकि आपको यह खबर समझ में आए और आप भी समझ सके कि आखिर क्या सरकार नहीं है फैसला क्यों लिया है आज क्यों सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं ।
90% सरकारी स्कूल किए जाएंगे बंद
सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है कि 90% स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी को देखते हुए और उनकी कमी को पूरा करने के लिए और उनके हालात को सुधारने के लिए सरकार ने इस प्रकार का फैसला लिया है आपको बता दे कि प्रदेश में 90% ऐसी स्कूल हैं जिनकी व्यवस्था ठीक नहीं है और उनकी व्यवस्था ठीक नहीं होने की वजह से यहां पर स्टूडेंट सही तरीके से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं ।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्रदेश में 120000 सरकारी स्कूल है जिनमें से लगभग 118000 सरकारी स्कूलों को बंद करने को लेकर फैसला सरकार की ओर से लिया जा रहा है पीछे जो 12000 स्कूल बचेगी उनका निजी स्कूलों की तर्ज पर विकसित करने को लेकर भी फैसला सरकार की ओर से लिया जा रहा है इस फैसले पर काम करना शुरू कर दिया गया है और जल्दी ही इसका फैसला सबके सामने आ जाएगा ।
आखिर क्यों लिया गया इतना बड़ा फैसला
आखिर सरकार ने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया है इसको लेकर आपको बता दे की मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग का मानना है कि प्रदेश में दर्जनों स्कूलों के बजाय केवल एक ऐसा स्कूल हो जिसमें सभी सुविधा हो और शिक्षकों की भी कमी ना रहे इस व्यवस्था को लागू करने से हर तीन-तीन किलोमीटर के छोटे बड़े स्कूलों की जगह 15 किलोमीटर के दायरे में यानी कि हर 15 किलोमीटर के बीच एक स्कूल बनाई जाएगी जिनके बीच की दूरी 8 किलोमीटर से अधिक नहीं होगी ।
स्कूलों में ज्यादा स्टूडेंट पढ़ने आएं इसलिए बसों की व्यवस्था भी होगी
इसी के साथ सरकार ने एक और फैसला लिया है आपको बता दे की सरकार का मानना है कि सरकारी स्कूलों में बच्चे कम पढ़ने इसलिए आते हैं क्योंकि प्राइवेट स्कूलों में हर घर के पास बस उनको लेने जाती है और उनकी आने-जाने में सुविधा होती है इस कारण ज्यादा बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते हैं प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी सरकार ने बसों की व्यवस्था करने का फैसला लिया है ।
सरकार का मानना है कि बसों का खर्च निकालने के लिए जो फ्री की साइकिल स्कूल में दी जाती है उन खर्चों को कम कर दिया जाएगा और उनके स्थान पर सरकारी स्कूलों में भी बसें लगाई जाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट सरकारी स्कूलों में पढ़ने आ सके और उनको आने-जाने में कोई कठिनाई न हो और इस उद्देश्य से सरकारी स्कूल में मॉडर्न स्कूल है बन जाएगी और उसके बाद कोई भी बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ने से कतराएगा नहीं ।
सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का क्या होगा
अब जो भी शिक्षक यह न्यूज़ देख रहे हैं वह यह सोच रहे होंगे कि उनका क्या होगा क्योंकि सरकार जब स्कूल में मर्ज कर देगी तो फिर शिक्षक कहां जाएंगे इसको लेकर सरकार ने कहा है कि जिस प्रकार से स्कूलों में से बच्चों को एक स्कूल से दूसरे स्कूल में समायोजित किया जाएगा उसी प्रकार शिक्षकों को भी एक स्कूल से दूसरे स्कूल में समायोजित कर दिया जाएगा और एक विद्यालय में ज्यादा शिक्षक हो जाने की वजह से वहां पर पढ़ाई की कमी भी पूरी हो जाएगी और शिक्षकों की कमी भी पूरी हो जाएगी ।
Disclaimer: इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ आप तक खबर पहुंचाना हैं । यह कोई सरकारी या ऑफिशल नोटिफिकेशन नहीं हैं खबर की सही पुष्टि करने के लिए कृपया संबंधित विभाग से या विभागीय अधिकारियों से और विभागीय वेबसाइट पर जांच करें ।